रवि किशन ने शेयर:

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किया कास्टिंग काउच का एक्सपीरियंस: ‘लापता लेडीज’ को लेकर कहा- 160 पान खाकर निभाया था पुलिस अफसर का रोल

बॉलीवुड में कास्टिंग काउच की चर्चा अक्सर होती रही है, और यह एक ऐसा मुद्दा है जो फिल्म इंडस्ट्री के अंदरूनी पहलुओं को उजागर करता है। हाल ही में, अभिनेता रवि किशन ने कास्टिंग काउच के अपने अनुभव को साझा किया और फिल्म “लापता लेडीज” में निभाए गए पुलिस अफसर के रोल को लेकर भी कुछ दिलचस्प बातें बताई। उन्होंने इस दौरान अपने संघर्षों और कड़ी मेहनत की कहानी को भी साझा किया।

कास्टिंग काउच पर रवि किशन का खुलासा

रवि किशन ने एक इंटरव्यू में बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, और कास्टिंग काउच का अनुभव भी उनके लिए चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआत के दिनों में उन्हें कई ऐसे अनुभवों का सामना करना पड़ा, जहां कुछ निर्माता और निर्देशक उन्हें अवांछनीय तरीके से अप्रोच करते थे। हालांकि, उन्होंने अपने संघर्ष और आत्मसम्मान को बनाए रखते हुए इन मुश्किल हालातों से बाहर निकलने की पूरी कोशिश की।

रवि किशन ने यह भी कहा कि कास्टिंग काउच के इस अनुभव ने उन्हें और भी मजबूत बना दिया और वह हमेशा यह सुनिश्चित करते थे कि अपने कॅरियर को अपने दम पर बनाए रखें। उनका मानना था कि मेहनत और सच्चाई से सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है, बिना किसी समझौते के।

‘लापता लेडीज’ में पुलिस अफसर का रोल

रवि किशन ने फिल्म “लापता लेडीज” के बारे में भी एक मजेदार किस्सा साझा किया। इस फिल्म में उन्होंने एक पुलिस अफसर का रोल निभाया था, और इसके लिए उन्होंने कुछ खास तरीके अपनाए थे। उन्होंने बताया कि वह भूमिका निभाने के लिए 160 पान खाकर अपने लुक और अभिनय को पूरी तरह से आत्मसात करने की कोशिश करते थे। रवि किशन के अनुसार, उनका यह अनोखा तरीका उनकी अभिनय की विशेषता को और भी प्रभावी बना देता था।

रवि किशन का यह बयान दर्शाता है कि वह अपने किरदारों में पूरी तरह से डूबने के लिए क्या कुछ भी करने को तैयार रहते थे। उनका यह प्रयास न केवल उनकी समर्पण भावना को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वह फिल्म इंडस्ट्री में अपने स्थान को बनाने के लिए कितना कुछ सहन करते थे।

संघर्ष और सफलता की कहानी

रवि किशन का यह खुलासा उनके संघर्षों और मेहनत की कहानी को सामने लाता है। वह एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से फिल्म इंडस्ट्री में अपना नाम बनाया। कास्टिंग काउच के अनुभव को उन्होंने एक चुनौती के रूप में लिया और अपने आत्मसम्मान को बनाए रखा। उनका मानना था कि केवल कठिन मेहनत से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है, और किसी भी परिस्थितियों में समझौता नहीं करना चाहिए।

निष्कर्ष

रवि किशन का कास्टिंग काउच पर खुलासा फिल्म इंडस्ट्री के अंदर के अंधेरे पहलुओं को उजागर करता है। हालांकि, उनका यह अनुभव यह भी बताता है कि सफलता पाने के लिए केवल सच्चाई और मेहनत ही सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। उनके संघर्ष और समर्पण की कहानी न केवल नए कलाकारों के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अगर इंसान अपने रास्ते पर सही तरीके से चलता है, तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है।

रवि किशन का यह अनुभव और उनकी मेहनत यह साबित करते हैं कि अपने आत्मसम्मान और काम की निष्ठा को बनाए रखते हुए फिल्म इंडस्ट्री में सफलता पाई जा सकती है।

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तबला वादक जाकिर हुसैन का आज रात होगा अंतिम संस्कार: 73 साल की उम्र में सैन फ्रांसिस्को में ली थी अंतिम सांस

भारतीय संगीत जगत के एक अद्वितीय और महान तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन हो गया। 73 साल की उम्र में, उन्होंने सैन फ्रांसिस्को में अपनी अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर ने संगीत प्रेमियों और भारतीय कला जगत में शोक की लहर दौड़ा दी है। आज रात, उनका अंतिम संस्कार सैन फ्रांसिस्को में ही किया जाएगा, जहां वह सुपुर्द-ए-खाक होंगे।

भारतीय संगीत की धरोहर: जाकिर हुसैन

जाकिर हुसैन का नाम भारतीय शास्त्रीय संगीत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। वह न केवल एक महान तबला वादक थे, बल्कि उन्होंने अपनी कला के माध्यम से भारतीय संगीत को दुनिया भर में प्रतिष्ठित किया। उन्होंने तबला को केवल एक वाद्ययंत्र नहीं, बल्कि एक कला के रूप में पेश किया और संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाई।

जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। वह उस्ताद अल्ला रक्खा खान के पोते थे और उनके पिता उस्ताद अख्तर हुसैन खान भी एक प्रसिद्ध तबला वादक थे। जाकिर हुसैन ने बहुत ही कम उम्र में संगीत में अपनी पहचान बना ली थी और उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें विश्वभर में प्रसिद्ध बना दिया।

संगीत की दुनिया को हुआ बड़ा नुकसान

जाकिर हुसैन के निधन से भारतीय संगीत की दुनिया एक अपूरणीय क्षति का सामना कर रही है। उन्होंने अपनी कला से न केवल भारतीय शास्त्रीय संगीत को समृद्ध किया, बल्कि उन्होंने पश्चिमी संगीतकारों के साथ भी मिलकर कई ऐतिहासिक और शानदार प्रदर्शन किए। उनकी तबला की धुनें और उनके संगीत का जादू अब हमेशा संगीत प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेगा।

उनके साथ कई प्रमुख भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने सहयोग किया, जिनमें रवी शंकर, जॉन मैक्लॉघलिन और कैम्ब्रिज में पैट मैथिनी जैसे कलाकार शामिल हैं। उनकी बेहतरीन परफॉर्मेंस और सहयोग ने भारतीय संगीत को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

श्रद्धांजलि

जाकिर हुसैन का संगीत अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी धुनें हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी। उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी विरासत और उनके योगदान ने भारतीय संगीत को एक नई पहचान दी है और यह दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा।

भारतीय संगीत में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और उनकी कमी को कभी भी पूरा नहीं किया जा सकता। उनके निधन के बाद, दुनिया भर से श्रद्धांजलियां आ रही हैं, और हर कोई उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।

अंतिम संस्कार और अंतिम विदाई

आज रात, जाकिर हुसैन का अंतिम संस्कार सैन फ्रांसिस्को में होगा, और वह वहीं सुपुर्द-ए-खाक होंगे। संगीत के इस महान सरताज को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लाखों लोग अपने-अपने तरीके से उन्हें याद कर रहे हैं। उनका संगीत, उनकी कला, और उनका योगदान हमेशा भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहेगा।

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मल्लिका शेरावत और पूजा बनर्जी से ED ने पूछताछ की: “मैजिक विन” गैम्बलिंग एप का प्रमोशन किया था, इसका मालिक पाकिस्तानी

हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री मल्लिका शेरावत और टीवी अभिनेत्री पूजा बनर्जी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा पूछताछ की गई, क्योंकि उन्होंने कथित रूप से एक “मैजिक विन” नामक गैम्बलिंग एप का प्रमोशन किया था। यह एप, जिसका मालिक एक पाकिस्तानी व्यक्ति बताया जा रहा है, भारत में अवैध गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। इस मामले ने मीडिया में हलचल मचा दी है और कई सवाल उठ रहे हैं कि कैसे प्रमुख हस्तियाँ इस प्रकार के संदिग्ध ऐप का प्रचार करती हैं।

क्या है “मैजिक विन” गैम्बलिंग एप?

“मैजिक विन” एक ऑनलाइन गैम्बलिंग एप है, जिसे भारत में अवैध रूप से चलाया जा रहा है। इस एप के माध्यम से यूज़र्स ऑनलाइन जुआ खेल सकते हैं, जो भारतीय कानून के तहत अवैध है। यह एप पहले से ही भारतीय सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के निशाने पर था, क्योंकि इस पर देश के नागरिकों को ऑनलाइन जुआ खेलने के लिए उकसाने का आरोप था। अब, यह सामने आया है कि मल्लिका शेरावत और पूजा बनर्जी जैसे बॉलीवुड और टीवी सितारे इस एप का प्रमोशन कर रहे थे।

ED द्वारा पूछताछ

ED ने दोनों अभिनेत्रियों से इस मामले में पूछताछ की, यह जानने के लिए कि उन्होंने इस एप के प्रमोशन में किस प्रकार की भूमिका निभाई थी और क्या उन्हें इस एप के अवैध संचालन के बारे में पूरी जानकारी थी। पूछताछ में दोनों अभिनेत्रियों ने एप के साथ अपने अनुबंध को लेकर बयान दिए, हालांकि उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी साझा नहीं की।

मल्लिका शेरावत और पूजा बनर्जी ने स्वीकार किया कि उन्होंने इस एप का प्रमोशन किया था, लेकिन उन्होंने इसे किसी भी तरह के अवैध गतिविधियों से जोड़ने से इंकार किया। उनका कहना था कि उन्हें एप के कानूनी पहलुओं के बारे में जानकारी नहीं थी और उन्होंने केवल एक प्रचारक के तौर पर काम किया।

पाकिस्तानी कनेक्शन और सुरक्षा चिंताएँ

इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि “मैजिक विन” एप का मालिक एक पाकिस्तानी नागरिक बताया जा रहा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस एप का संचालन पाकिस्तान से किया जा रहा था और यह भारतीय नागरिकों को जुए के लिए प्रोत्साहित कर रहा था, जो भारतीय कानून के तहत अपराध है। इससे सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी गंभीर सवाल उठते हैं, क्योंकि इस प्रकार के एप देश में जुए और धोखाधड़ी की गतिविधियों को बढ़ावा दे सकते हैं।

मल्लिका शेरावत और पूजा बनर्जी का रुख

मल्लिका शेरावत और पूजा बनर्जी दोनों ने अपनी सफाई में कहा कि वे केवल एक विज्ञापन या प्रमोशनल एक्टिविटी का हिस्सा थीं और उन्हें एप के कानूनी पहलुओं के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। हालांकि, जांच एजेंसियां यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही हैं कि क्या उन्होंने जानबूझकर इस प्रकार के अवैध एप का प्रचार किया था या वे इसके बारे में अनजान थीं।

यह घटना बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री में ऐसे विज्ञापनों और प्रमोशनों के बारे में महत्वपूर्ण सवाल खड़े करती है, जो अक्सर सशक्त हस्तियों द्वारा किए जाते हैं। क्या इन हस्तियों को अपने प्रचारित उत्पादों के कानूनी पहलुओं और प्रभावों की पूरी जानकारी होनी चाहिए? यह सवाल अब अधिक महत्वपूर्ण हो गया है, खासकर जब कोई उत्पाद अवैध या खतरनाक हो।

निष्कर्ष

यह मामला भारतीय मनोरंजन उद्योग और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करता है। मल्लिका शेरावत और पूजा बनर्जी जैसे सितारे जिन्होंने इस एप का प्रमोशन किया, अब जांच के घेरे में हैं। इस मामले में कड़ी जांच और उचित कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि इस प्रकार के अवैध गतिविधियों से जुड़े मामलों को रोका जा सके। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि आम जनता और प्रसिद्ध हस्तियों को इस प्रकार के उत्पादों और ऐप्स के प्रचार से बचने के लिए जागरूक किया जाए।

यह घटना यह भी दर्शाती है कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्रमोशन करते समय किसी भी हस्ती को अपने कार्यों के कानूनी और नैतिक पहलुओं को समझने की आवश्यकता है, ताकि वे किसी विवाद या कानूनी उलझन में न फंसें।

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